दस्तावेज सार्वजानिक नहीं कर रहे अधिकारी
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि भाजपा प्रत्याशी एल पद्मजा विधानी के अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र से जुड़े दस्तावेज निर्वाचन अधिकारी द्वारा सार्वजनिक नहीं किए गए। उन्होंने इन दस्तावेजों की मांग भी की थी, लेकिन उन्हें उपलब्ध नहीं कराया गया। इस वजह से उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
कांग्रेस पार्टी का ये है दावा
बता दें कि जाति प्रमाण पत्र के मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि पूजा विधानी का जाति प्रमाण पत्र आंध्र प्रदेश से जारी हुआ है, जिसे छत्तीसगढ़ में मान्यता नहीं मिल सकती। कांग्रेस ने इसे आधार बनाकर स्क्रूटनी के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन आपत्ति खारिज कर दी गई। कांग्रेस के अधिवक्ता प्रदीप राजगीर के अनुसार रिटर्निंग ऑफिसर ने जाति प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि मांगने पर नहीं दी और दूर से हाथ से लहरा कर दिखाया। साथ ही यह भी कहा कि इस प्रमाण पत्र को केवल जाति छानबीन समिति के समक्ष चुनौती दी जा सकती है
दूसरी ओर एल पद्मजा विधानी ने अपने जाति प्रमाण पत्र को पूरी तरह वैध बताते हुए कहा कि यह 1995 में छत्तीसगढ़ से ही जारी हुआ था और पूरी तरह वैध है। उनकी ओबीसी पहचान पर कोई प्रश्नचिह्न नहीं लगाया जा सकता। हालांकि निर्वाचन अधिकारी द्वारा आपत्ति खारिज किए जाने के बावजूद यह मामला थमने का नाम नहीं ले रहा। चुनावी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद भी इसको लेकर कानूनी लड़ाई जारी रहने की संभावना है।