विश्व मधुमेह दिवस पर विशेष-अनियमित जीवनशैली, तनाव ग्रस्त दिनचर्या से मधुमेह का प्रकोप, नियमित जीवनशैली, तनाव से मुक्त व सावधानी से मधुमेह से मिल सकती है निजात - डॉ मनीष बंजारा


विश्व मधुमेह दिवस पर विशेष-
अनियमित जीवनशैली, तनाव ग्रस्त दिनचर्या से मधुमेह का प्रकोप, नियमित जीवनशैली, तनाव से मुक्त व सावधानी से मधुमेह से मिल सकती है निजात - डॉ मनीष बंजारा
मुंगेली- विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पदमपुर में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर लोगो को मधुमेह से बचने के लिए गुर बता कर कर उन्हें जागरूकता किया गया। शिविर में 54 लोगों के स्वास्थ्य व मधुमेह की जांच की गई। 8 मरीज मधुमेह से पीड़ित पाये गये। जिनमें से एक मरीज उच्च रक्त शुगर 440 मिलीग्राम परडेसी लीटर पाया गया। जिन्हें ईलाज के लिए जिला अस्पताल मुंगेली रिफर किया गया। शेष 7 लोगो को निःशुल्क दवाईयां देकर मधुमेह से बचने के उपाय बताये गये। 
 डां. मनीष बंजारा ने बतया कि मधुमेह एक ऐसा रोग है जो अनियमित दिनचर्या, असंतुलित खान-पान व वर्तमान में जीवन शैली तनाव के चलते यह रोग बड़ी तेजी से पनप रहा है। दुनिया में लगभग 54 करोड़ लोग मधुमेह के शिकार है। हर 6 सेकंड में दुनिया में एक व्यक्ति मधुमेह से जुड़ी जटिलताओं के कारण अपनी जान गवा रहा है। हमारे देश भारत में भी लगभग 10 करोड़ लोग मधुमेह से पीडित है। इसके साथ ही प्रीडायबिटिक लोगो की संख्या भी लगभग 13 करोड़ के आस-पास है। जिसके चलते भारत को डायबिटिक केप्टिल के रूप में जाना जाने लगा है। मधुमेह की इस बढ़ती चुनौतियों से बचाव के लिए सरकार विभिन्न कार्यक्रम/योजना चला रही है। मधुमेह गैर संचारी रोग है। इसलिए इसके बचाव की दिशा में प्रभावी कार्यक्रम कर इससे बचने की दिशा में सफलता पायी जा सकती है। लेकिन आज के लोगो के अनियमित जीवनशैली, खान-पान व बेवजह तनाव ग्रस्त दिनचर्या ने लोगो को मधुमेह की रोगी बना दिया है। 
आईये जानते है कि मधुमेह क्या है वह कैसे पनपता है - 
डॉ मनीष बंजारा ने बताया कि मधुमेह एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त शर्करा (ग्लूकोज) का स्तर बहुत अधिक हो जाता है। ऐसा तब होता है जब अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता, या शरीर इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है। इंसुलिन, जो कि अग्न्याशय द्वारा बनाया जाने वाला एक हार्मोन है, शरीर की कोशिकाओं को ऊर्जा के लिए ग्लूकोज का उपयोग करने में मदद करता है। जब इंसुलिन की कमी होती है, तो ग्लूकोज रक्त में ही रह जाता है और कोशिकाओं तक नहीं पहुँच पाता ।लंबे समय तक नियंत्रण न होने पर शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे किडनी, आंख, हृदय, नसों व पैरों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। 

मधुमेह के लक्षण व उसके दुष्परिणाम-
बार-बार पेशाब आना, बहुत प्यास लगना, बहुत भूख लगना, थकान महसूस होना, धुंधली दृष्टि, घावों का देर से ठीक होना, हाथों और पैरों में झुनझुनी या सुन्नता का महसूस होता है। व्यक्ति एक बार मधुमेह का मरीज हो जाता है तो उसे पूरे जीवन काल तक दवाईयां खाने पड़ती है। लेकिन दवाईयां के अलावा विभिन्न उपायों से मधुमेह से निजात पाया जा सकता है।

मधुमेह ऐसी बीमारी है जिसके जानकारी के अभाव में लोग उसके छोटी शारीरिक कमजोरी मानकर लड़ता रहता है जो बाद में जानलेवा होती है, इस पर गौर कर बचाव की दिशा मिल सकती है-  
कई लोग इस मौन बीमारी से अनजान रह कर लड़ते रहते हैं और कभी थकान समझकर, कभी तनाव समझकर, और कभी यूँ ही टालकर। जीवन-जीते रहते है जो बाद में एक बड़ी समस्या मधुमेह के रूप में सामने आती है। आज समय की मांग है कि हमें अब अपने शरीर और जीवनशैली पर विशेष ध्यान देते हुए मधुमेह को पहचान कर उसके बचाव के दिशा में प्राथमिकता देनी होगी।

बचाव- 
1 तनाव कम करें योग/प्राणायाम अपनाये।
2 नियमित शुगर जांच हर 6 महीने में कराये।
3 प्रतिदिन 30-45 मिनट तेज चले/6000-8000 कदम
4 प्लेट फॉर्मूला 50 सब्जी- 25 प्रोटीन- 25 जटिल कार्ब.- अपनाये।
5 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद ले।
6 कमर का माप नियंत्रित रखें।
7 दिन में 2.5-3 लीटर पानी पीये।
8 खान-पान में सावधानी बरते।
9 धूम्रपान व अल्कोहल से दूरी रखे।
10 पैक्ड व अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड से भी दूरी रखे। 

       विश्व मधुमेह दिवस हमें याद दिलाता है कि व्यक्ति छोटी सावधानी से एक जीवन बचा सकता है। 
      स्वस्थ भोजन और नियमित व्यायाम को अपनाकर मधुमेह से बचाव के लिए ‘‘स्वस्थ खाये सक्रिय रहे, मधुमेह से बचे।’’ के नारे लगाये गये।
       इस अवसर पर सीमा पहारी, सुनीता मिरी, जलेश्वरी मिरी, मोनिका जांगड़े, सुधा त्रिवेणी, किशोर, रितेश मसीह, संतोष उपस्थित रहे।
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